आपकी एकता ही आपका सुद्रशन चक्र है


पुरे भारत में 900 से भी अधिक विश्वविद्यालय हैं. न जाने कितने हजार स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा के शिक्षण संस्थान हैं    
पर दंगा फसाद केवल ३ - ४ में हो रहा है. 

इनमे से कुछ तो रुसी हत्यारा स्टालिन और लाखो लाखों चीनियों तिब्बतियों के कातिल माओ को अपना आदर्श मानते है  और बाकी वो हैं जिनके अंदर जिन्ना, औंरंगजेब, बाबर और तैमूर जैसे राक्षसों की आत्मा बैठी है.   

ये बस चंद लोग हैं. लेकिन इनकी शोर ज्यादा सुनाई दे रही है. क्योंकि इनके कामरेड और मुजाहिद्दीन न्यूज़, टीवी, सिनेमा हर जगह भरे हुए हैं. 

पहले सोशल मीडिया नहीं था तो आम भारतीय को इनका एक तरफा सुनना पड़ता था. पूरी की पूरी व्यवस्था ही इन्ही की थी. पर आज बाजी इनके हाथ से निकल रही है. भारत की गरीब जनता ने इन राजा, रानी और राजकुमारों को उखाड़ फेक सरकार व्यवस्था में अपने बीच के लोगो को भेजना शुरू किया। रागदरबारियों की जीविका खतरे में है. 


बिना किसी जात पंथ और सम्प्रदाय का नाम लिए, मैं मानवता शांति और भारत में विश्वास रखने वाले सभी भारतियों से निवेदन करता हूँ  कि आप इन आततायियों के अत्याचार से निराश न हों. 

कृष्ण ने शिशुपाल के सौ अपशब्दों तक कुछ नहीं कहा पर उसके बाद कृष्ण ने अपना सुद्रशन चक्र उठाया। आज जनतंत्र है और आपकी एकता ही आपका सुद्रशन चक्र है. और आपकी एकता इनका सर्वनाश करेगी।



        


    

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