काकी रहे दे.. चाय वाय ना बनाव।
काहे ना बनायी बाबू.. दुवारे पे आए हो.. और तूहें चाहियो ना पूछी.. अल्ला पाक कै कौन मुँह देखायीब।
काकी तू ईश्वर के मानत हे?
हाँ बाबू हमरेन के दिलम बसा हैं.. चाहे अल्ला बोलो.. भगवान बोलो.. देवी माई कहो.. सब एक्के हैं बचवा।
काकी तुहुं भी देवी माई कय रूप हे.. मानत हे कि नायी।
देवी माई तो हर जगही हीं बच्चा.. यह माटियाँ में.. नदिया में.. हमरे बिटिवा में.. तोहरे अम्मा में तोहरे बहिन लोगन में.. हाँ हमरो अंदर हीं।
देवी एक शक्ति होये। और जोने से भी रचना, संरचना और पोषण होये उ देवी है।
जय देवी शक्ति
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