बन दुर्गा उठ खड़ी है भारत माता



अब हत्या और खून खराबे की बात नहीं करेगा, 
तो नक्सली और आतंकवादी कैसे कहलायेगा।  
चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब में बैठे अपने मालिकों को क्या मुँह दिखाएगा, 
इतना धन, अस्त्र और शस्त्र मिलने पर भी तुमसे भारत ना टूटा।  

तुम्हारी क्या हस्ती है और तुम क्या तोड़ोगे भारत को,
हजार वर्षो के तालिबानी आतंकवाद से थी रक्त रंजित भारत माँ।
ब्रिटिश सम्राज्य की लूट और भ्रष्टाचार से लड़ती थी भारत माँ,  
खून से लतपथ थी  लेकिन बन दुर्गा उठ खड़ी है भारत माँ।

भारत माँ सभी संताने आज खड़े हैं एक साथ, 
जो गन्दगी फैलाकर गए वो आतंकवादी और वो अंग्रेज। 
स्वच्छ करेंगे माँ तेरे आँचल को हम अपने खून और पसीने से, 
विश्व गुरु बनेगी तू फिर से मेरा ये विश्वास है।

चंद सिक्को के लिए तुम बेचने निकले अपनी माँ,
जिस मिटटी में जन्मे उस धरती के टुकड़े की ऐसी मंसा क्यों।
छोड़ दो हथियार तुम अपना छोड़ दो तुम अहंकार,
माँ भारती बुला रही तुझे, तेरे लिए उसके मन में ममता और हृदय में प्यार।  

सत्यमेव जयते 
भारत माता की जय 
वन्देमातरम 

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