हे जीवनदायिनी!
तुम सरस्वती बनकर ज्ञान, कला और संगीत वितरित करती हो।
तुम लक्ष्मी के रूप में सुख और समृद्धि लाती हो।
जब संकट आये तब तुम दुर्गा का विकराल रूप धारण करके सबकी की रक्षा करती हो।
तुम नव जीवन देने वाली माँ हो।
तुम भोजन देने वाली अन्नपूर्णा हो।
तुम सुंदरता का रंग भरने वाली अनुसुइया हो।
तुम सब को आसरा देने वाली पृथ्वी हो।
तुम ममता की पार्वती हो।
तुम निर्मल गंगा हो।
तुम नारी शक्ति हो।
नमन है आपको।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवियां प्रसन्नता से रहती हैं.
It give me immense pleasure to see you scaling new heights professionally as well as spiritually keep up the good work champ. Sheer mention of dumariyaganj brought smile to my face “3 Musketeers of Dumariyaganj - you, Anurag n Tushar”
ReplyDeleteThank you so much brother.. Sorry for late reply. Actually just noticed the comment. miss the days.. well one day we should catch up in Lucknow.. Love you brother..
Delete