२०१४ में भारत के संसदीय चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम के बाद सब विकास की बात करते हैं. विकास बोलने से नहीं करने से होता है. सरकार की पूरी अवधि में काले कारनामे करते रहे. आखिरी क्षण में विकास का ज्ञात हुआ. उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ दल और मुख्य विपक्ष दल जिनका पूरा राजनीतिक जीवन जातिवाद, गुंडागर्दी, भृष्टाचार, चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार, मजहबी कट्टरवाद, आतंकवाद में कथित रूप से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष भागीदारी रही है.
माननीय का तथाकथित विकास -
यमुना एक्सप्रेसवे :
किसानों को जमीन छीन कर व्यापार से जुड़े जेपी जैसे भ्रष्ट समूहो को एक्सप्रेसवे और अपार्टमेंट बनाने के लिए देना विकास नहीं बल्कि लूट और भ्रष्टाचार है. गावँ और कस्बो की सड़के टूटी हुई है या सड़क ही नहीं है. कोई गरीब हो अस्वस्थ हो तो समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुचता। किसान अपना उत्पादन मंडी में नहीं भेज पाता क्योंकि आधारिक संरचना जैसी मूलभूत व्यवस्था की कमी है. जब स्वर्णिम चतुर्भुज राष्ट्रीय राजमार्ग से दिल्ली, आगरा, कानपुर और वाराणसी प्रमुख नगरो से जुडी हुई हैं फिर ऐसी क्या आवश्यकता आ गयी थी कि गावं और कस्बो की सड़को के स्थान पर आपको एक और एक्सप्रेसवे बनाना था. आपकी दिशाहीन प्राथमिकता का कारण आप सब के मन मे छिपा भ्र्स्टाचार है.
लखनऊ मेट्रो:
बीस करोड़ से ऊपर की जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में मात्र १६०० यात्री क्षमता ट्रेन के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च करना आपके लिए विकास होगा । खेतो की सिचाईं की व्यवस्था करते. पुर्वोत्तर उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या का समाधान करते। लखनऊ जैसे महानगर में भी जब किसी की दुर्घटना होती है तो सरकारी चिकित्सालय में उपचार कराने की जगह नहीं मिलती है. चिकित्सालय में बेड की संख्या बढ़ाते।
स्टेडियम :
उत्तर प्रदेश के कितने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में खेल और व्यायाम की मूलभूत सुविधा है? लगभग किसी में नहीं है. केंद्र की सरकार अगर टॉयलेट न बनवाती तो टॉयलेट नहीं था विद्यालयों में. जब बचपन से किसी को खेल और व्यायाम के लिए प्रोत्साहित नहीं किया तो कोई स्टेडियम तक कैसे पहुचेगा। विद्यालयों की व्यवस्था ठीक करते। और इसके साथ इन विद्यालयों में जनता के टैक्स के पैसे से पल रहे मुफ्तखोर अध्यापको से कहते कि ईमानदारी से गरीब के संतानो को शिक्षा दो अन्यथा दूसरा कोई कार्य करें। आपकी इस घटिया शिक्षा व्यवस्था ने करोडो बच्चों का भविष्य अंधकारमय कर रखा है.
लैपटॉप वितरण:
युवा का सशक्तिकरण निःशुल्क में वितरित हुए लैपटॉप और स्मार्टफोन से नहीं बल्कि उत्तम गुणवत्ता की शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलने से होता है. यदि लैपटॉप वितरित करने से युवा की भविष्य सर्जित हो जाता तो अमेरिका और यूरोप के सम्पन्न राष्ट्र विद्यालय बन्द करके अपने बच्चों को लैपटॉप और आईपैड वितरित कर देते। जापान में निःशुल्क लैपटॉप का वितरण नहीं होता है क्योंकि वो उत्तम गुणवत्ता की शिक्षा और रोजगार के अवसर में विश्वास रखते हैं.
साइकिल लेन:
243,290 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाले उत्तर प्रदेश में आपने २ किलोमीटर की साइकिल लेन बनायीं और इसे आप विकास कहते हैं. आप उत्तर प्रदेश का उपहास रहे हैं.
मानव विकास सूचकांक में उत्तर प्रदेश निम्न स्तर पर है. मानव जीवन दयनीय है. आपकी सरकार के अपराध, लूट और भ्रष्टाचार से सामान्य मानवीय पीड़ित है. फिर भी कितनी निर्लज्जता से आप कहते है कि "काम बोलता है".
उत्तर प्रदेश सरकार के कुकर्म और काले कारनामो की सख्या असीमित है अनंत है. मेरे लिखने से और कहने से कुछ नहीं होता। अच्छा होता मुख्यमन्त्री जी अपनी अंतरात्मा से प्रश्न करते कि उनके राजनितिक दल के सारे जनप्रतिनिधियों में कौन चोर नहीं है कौन लुटेरा नहीं है, कौन कुकर्मी नहीं है. मुख्यमन्त्री जी जनसेवा करने का इतना सुनहरा अवसर मिला था पर वो इसी मे प्रसन्न हैं कि वो सुश्री बहन जी से बेहतर हैं. मेरे आकलन से माननीय मुख्यमंत्री जी आप पूर्व मुख्यमंत्री बहन जी से बेहतर हैं पर दोनों ही अयोग्य हैं और उत्तर प्रदेश के लिए हानिकारक हैं.
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