हिन्दुत्व = “हिन्दू” और “तत्व”

हिन्दूइस्म (Hinduism) एक वेस्टर्न शब्दावली है जिसका प्रयोग अट्ठरहवी शताब्दी से शुरू हुआ। हिन्दुत्व एक संस्कृत का शब्द है जो कि “हिन्दू” और “तत्व” दो शब्दों के योग से बना।

हमारे मेड इन इटली युवराज, भारत विरोधी तत्वों के आख़िरी मुग़ल श्री राउल विंचि उर्फ़ राहुल गांधी बताते हैं कि उन्होंने वेद पुराण पढ़े और उन्हें संस्कृत का शब्द हिंदुत्व नहीं मिला पर अंग्रेज़ीकृत शब्द हिंदुइस्म(Hinduism) वेद पुराण में मिला। 

ये तथाकथित वेदांत के ज्ञानी लोग मुझे भी थोड़ा ज्ञान की रोशनी दिखाएँ और बताएँ कि किस उपनिषद में उन्हें हिंदुइस्म(Hinduism) शब्द मिला। 

नक़ली जनेउ पहने ये विदेशी लुटेरे भारत में बैठकर भारत की हज़ारों वर्षों की संस्कृति और विरासत को गाली देते हैं। और हम सुन रहें हैं। 

   

हिंदू जागृति और नया भारत

 

आस्ट्रेलिया से पढ़े, चोरी और लूट से अर्जित अरबों की धन सम्पत्ति के मालिक, एक नेता जी बताते हैं कि जिन्ना ने भारत को आज़ादी दिलायी थी।


मोहम्मद अली जिन्ना जिसने लाखों की हत्या करवायी, महिलाओं और बच्चों के साथ दुष्कर्म कराया, लोगों को बेघर किया। पंजाब, सिंध, बलोच, पसतून और बंगाल की ज़मीन छीनी, उनकी भाषा संस्कृति मिटाकर उनके ऊपर अपनी शैतानी सोच थोपा। वो जिन्ना इनका आदर्श है। 


इनकी ये सोच का ही नतीजा था जब ये नेता जी सरकार में थे तो थाना, तहसीलपंच सरपंच पर गुंडे, अपराधियों, एक सम्प्रदाय विशेष का क़ब्ज़ा हो जाता है। एक आम हिंदू डर में जीता था। अपने ही देश भारत में हिंदू की कोई सुनवायी नहीं थी। 


हिंदू को जात पंथ में लड़ाए रखा और एक सम्प्रदाय विशेष के वोट से सरकार बनाते रहे।  कहने को भारत स्वतंत्र था पर भारत का हिंदू उसी तालिबानी मुग़ल काल की प्रताड़ना और भय में जीता था।  


नेता जी के पिता जी ने सत्ता लोभ में एक सम्प्रदाय विशेष को खुश करने के लिए निहत्थे हिंदुओ पर अयोध्या में गोली चलवायी, लेकिन कर्म की आँधी देखिए आज उन्ही के औरंगज़ेब कपूत ने उन्हें घर पार्टी से उठा कर बाहर फ़ेक दिया।  


नेता जी डॉक्टर कलाम को भूल जाते हैं और भारत पाकिस्तान के बँटवारे का बीज डालने वाले सयद अहमद को याद करते हैं। नेता जी अश्फ़ाक उल्ला खान और अब्दुल गफ्फार खान(सीमांत गांधी) को भूल जाते हैं और जिन्ना जैसे शैतानो को अपना हीरो बताते हैं।   


नेता जी यह हिंदू जागृति है और और नया भारत है। सच्चा भारतीय शहीद अश्फ़ाक उल्ला खान, वीर अब्दुल हमीद और भारत रत्न डॉक्टर अब्दुल कलाम को सर आँखो पर रखता है और तालिबान और तालिबानी सोच रखने वालों का विरोध भी करता है। 

जय सिया राम